प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतज़ार करते हुए, यह हैं पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी। आइए, उनकी अद्भुत विद्वत्ता और योगदान के बारे में जानें।

वैज्ञानिक एवं गणितीय योगदान
- ISRO समय-समय पर उनके परामर्श का लाभ उठाता है।
- NASA ने भी उनकी सलाह ली है और उनका नाम इसके सलाहकार बोर्ड पर दर्ज है।
- विश्व बैंक ने वित्तीय समस्याओं को हल करने के लिए वैदिक गणित की सहायता से उनका मार्गदर्शन लिया है।
- ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज के गणितज्ञ भी उनकी सेवाएं प्राप्त करते हैं।
- भारत के प्रतिष्ठित संस्थान, IIT और IISc भी उनसे संपर्क में रहते हैं।
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का जीवन एक रहस्य और प्रेरणा से भरा हुआ है। बिहार के मधुबनी जिले के एक छोटे से गाँव में जन्मे, वे बचपन से ही असाधारण प्रतिभा के धनी थे। उनके पिता दरभंगा महाराज के राज-पंडित थे, लेकिन नीलांबर झा (स्वामी जी का बचपन का नाम) की रुचि सांसारिक सुखों में नहीं, बल्कि वेद, गणित और विज्ञान में थी।
मात्र 16 वर्ष की उम्र में, उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और विभिन्न गुरुओं से ज्ञान प्राप्त करने के लिए यात्रा शुरू की। उन्होंने न केवल वेदों और उपनिषदों का गहरा अध्ययन किया, बल्कि गणित और खगोलशास्त्र में भी महारत हासिल की। धीरे-धीरे वे इतने विद्वान बन गए कि भारत और विदेशों के कई वैज्ञानिक उनसे परामर्श लेने लगे।
एक बार, ISRO के वैज्ञानिक चंद्रयान-2 मिशन की गणनाओं में उलझे हुए थे। मिशन की सफलता के लिए सही गणना बेहद महत्वपूर्ण थी। इस संकट के समय, उन्होंने स्वामी निश्चलानंद जी से संपर्क किया। स्वामी जी ने वैदिक गणित की तकनीक का उपयोग करके समाधान बताया, जिससे वैज्ञानिकों को नई दिशा मिली। NASA और विश्व बैंक ने भी उनके गणितीय सिद्धांतों का उपयोग किया।
एक दिन, एक युवा गणितज्ञ उनके पास आया और बोला, “गुरुदेव, आपने इतनी विद्या प्राप्त की, इतने लोगों की सहायता की, लेकिन आप प्रसिद्धि से दूर क्यों रहते हैं?”
स्वामी जी मुस्कराए और बोले, “ज्ञान का उद्देश्य प्रसिद्धि पाना नहीं, बल्कि दुनिया को प्रकाश देना है। सूर्य कभी अपने प्रकाश का अहंकार नहीं करता, वह बस जलता है और दूसरों को रोशनी देता है।”
युवक की आँखें नम हो गईं। उसे समझ आ गया कि सच्चा ज्ञान वही है, जो अहंकार रहित होकर दूसरों के जीवन को बेहतर बनाए।
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी आज भी उसी सिद्धांत पर जीते हैं – सरल जीवन, उच्च विचार, और संपूर्ण समर्पण।