गणेश चतुर्थी एक ऐसा पर्व है जो हमारे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व पर भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना की जाती है और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गणेश चतुर्थी के बाद इन मूर्तियों का क्या होता है? आमतौर पर प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) और केमिकल रंगों से बनी मूर्तियाँ पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं, क्योंकि ये पानी में आसानी से नहीं घुलतीं और प्रदूषण फैलाती हैं।
इसी समस्या के समाधान के रूप में, हम लाए हैं गोबर से बनी पर्यावरण-मित्र गणेश मूर्तियाँ। ये मूर्तियाँ न केवल पारंपरिक और आध्यात्मिक मूल्यों को बनाए रखती हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
गोबर से बनी गणेश मूर्तियों के फायदे
- 100% प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल: गोबर से बनी ये मूर्तियाँ पूरी तरह से प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल हैं। इन्हें पानी में विसर्जित करने पर ये बिना किसी हानिकारक प्रभाव के पूरी तरह से घुल जाती हैं। इससे जल स्रोतों में कोई प्रदूषण नहीं होता।
- स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित: इन मूर्तियों को बनाने में कोई भी केमिकल या विषाक्त पदार्थ इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए, ये स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
- रूढ़िवादी और आधुनिकता का संगम: गोबर से बनी गणेश मूर्तियाँ हमें हमारे पारंपरिक मूल्यों की याद दिलाती हैं, जबकि ये पर्यावरण संरक्षण की आधुनिक सोच को भी प्रकट करती हैं। यह मूर्ति हमारी आस्था और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है।
- आकार और उपयोग में विविधता: ये मूर्तियाँ विभिन्न आकारों में उपलब्ध हैं, जिन्हें आप अपने ऑफिस टेबल, कार के डैशबोर्ड या घर के पूजा स्थल पर आसानी से रख सकते हैं।
- स्थानीय कारीगरों का समर्थन: ये मूर्तियाँ स्थानीय कारीगरों द्वारा हाथ से बनाई जाती हैं, जिससे उनकी आजीविका को भी बढ़ावा मिलता है।
गोबर से बनी गणेश मूर्तियों का महत्व
आज के समय में, जब पर्यावरण संरक्षण एक वैश्विक मुद्दा बन चुका है, हमें अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को भी पर्यावरण के अनुकूल बनाने की आवश्यकता है। गोबर से बनी गणेश मूर्तियाँ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह न केवल हमें अपनी आस्था को सुरक्षित रखने में मदद करती हैं, बल्कि हमें अपने पर्यावरण के प्रति भी जिम्मेदारी निभाने का अवसर देती हैं।
आइए, इस गणेश चतुर्थी पर एक ऐसा निर्णय लें जो न केवल हमारी आस्था को मजबूत करे, बल्कि हमारे पर्यावरण को भी सुरक्षित रखे। गोबर से बनी पर्यावरण-मित्र गणेश मूर्तियाँ खरीदें और इस पर्व को और भी विशेष बनाएं।
आपकी आस्था और पर्यावरण के प्रति आपकी जिम्मेदारी, दोनों को पूरा करने का यह एक सुंदर और प्रभावी तरीका है। इस बार गणेश चतुर्थी पर पर्यावरण-मित्र गणेश मूर्तियों को चुनें और अपने मित्रों और परिवार को भी इसके महत्व के बारे में जागरूक करें।
जय गणेश!
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