गुजरात सरकार का नया निर्णय: बजट की कमी के चलते बच्चों के नाश्ते पर रोक, – पोषण पर संकट

गुजरात सरकार द्वारा संचालित सभी सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना (पीएम पोषण शक्ति योजना) में बदलाव किए गए हैं। लागू होने वाली इस नीति के तहत अब विद्यार्थियों को केवल दोपहर का भोजन ही उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि सुबह के नाश्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

इस निर्णय के पीछे का मुख्य कारण बजट की कमी बताया जा रहा है। हालांकि, पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों के लिए सुबह का नाश्ता बेहद जरूरी होता है। यह न केवल उनके शारीरिक विकास के लिए बल्कि उनकी मानसिक और शैक्षणिक क्षमता के लिए भी आवश्यक है। सुबह का नाश्ता बच्चों को पूरे दिन ऊर्जा से भरपूर रखने में मदद करता है, जिससे वे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं।

लेकिन, सरकार का कहना है कि बजट की कमी के कारण नाश्ते के लिए आवश्यक खर्च को वहन करना कठिन हो गया है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव गरीब और कुपोषित बच्चों पर पड़ेगा, जो पहले से ही पोषण की कमी से जूझ रहे हैं।

इस विवादास्पद निर्णय पर विभिन्न हलकों से कड़ी आलोचना हो रही है। यह एक गंभीर विषय है कि जब देश में करोड़ों रुपये का अनावश्यक खर्च होता है, तो गरीब बच्चों के पोषण के लिए बजट में कटौती क्यों की जा रही है?

One thought on “गुजरात सरकार का नया निर्णय: बजट की कमी के चलते बच्चों के नाश्ते पर रोक, – पोषण पर संकट

  1. સરકાર નો આ બૌ મોટો ગંભીર અને ચિંતા જનક નિર્ણય કેહવાય…

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